【बुलटिन-21】श्वसन-तंत्र को स्वस्थ रखने और मजबूत बनाने के लिए शंखनाद जैसी लाभप्रद औषध और कोई नहीं
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Descripción
जब सूर्य की किरणें निस्तेज होती हैं अर्थात सुबह जल्दी या शाम के समय शंख बजाने का विधान है। इससे पूरक, कुम्भक और रेचक जैसी प्राणायाम तीनों क्रियायें एक साथ हो जाती हैं। दमा, कास, प्लीहा, यकृत और इंफलूएंजा नामक रोग में शंखनाद बहुत फायदेमंद है। जब हम शंख को दबाव लगाकर बजाते हैं तो इससे किडनी एवं जननांगों पर भी अनुकूल प्रभाव पडता है।
शंख बजाने से गले में मौजूद मांसपेशियों का व्यायाम होता है, जिससे वोकल कार्ड और थाइरायड से जुडी समस्या, गले की खराश आदि गले के अन्य विकार दूर होते हैं। जिस किसी को गले संबंधी विकार जैसे अशुद्ध उच्चारण, तुतलाना और हकलाने आदि की समस्या हो उन्हें नित्य शंखवादन करना चाहिए।इसी तरह बार-बार श्वास भरकर छोडने से हमारे फेफडे स्वस्थ रहते हैं और हमारी छाती को भी मजबूत बनाता है।
शंख बजाने का हमारे गुदा और प्रोस्टेट सिस्टम पर सीधा असर पडता है। नियमित शंख बजाने से गुदा की मांसपेशियां बहुत मजबूत होती है और पाइल्स से छुटकारा मिल जाता है। साथ ही पुरुषों को प्रोस्टेट संबंधी बीमारियों से भी राहत मिलती है। इस प्रकार नियमित शंख बजाने वाला व्यक्ति शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य तीनों का सुख-लाभ एक साथ प्राप्त कर सकता है।
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Autor | AM JAGO 【एम-जागो】 |
Organización | AM JAGO 【एम-जागो】 |
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