Episode 345 - Normal बातें । How was the festival of Diwali for us and how did we celebrate it?
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Descripción
दीपावली के त्योहार पर हम बहुत सारी चीजों का इंतजार किया करते थे जिनमें से कई ऐसी चीज हैं ना जो कि हमें कुछ दिन पहले ही पता चलती थी क्योंकि घर की साफ सफाई हो रही है और हमें पता चलता था कि यह भी होता है दुनिया में क्योंकि बच्चे थे ना पता ही नहीं था कुछ भी तो जो देखते हैं वही मांग लेते मिल भी ज्यादा था एक समय पर क्योंकि कुछ भी हमसे छूटा नहीं था।
चाहे वह नए कपड़े हो ?
मिठाइयां हो ?
लोगों से मिलने जाना हो ?
अपने दोस्तों से मिलने जाना हो ?
दोस्तों के साथ दिवाली का त्योहार सेलिब्रेट करना हो ?
अपने सगे संबंधियों से मेल जोड़ बढ़ाना हो ?
या फिर सगे संबंधियों के घर पर जाकर बैठना हो ?
हम तो सभी संबंधियों के घर पर जाकर खाना भी खा लिया करते थे ?
दीपावली का त्योहार इन सभी चीजों से आगे था और हम जो है हर एक चीज को एक अलग नजरिए से देखते थे और यह सोचते थे कि दुनिया जो है ना वह ऐसी ही और फिलहाल हमारे लिए है हर चीज और यही एक कारण है जिसके कारण जो है ना हमें दीपावली का जो फेस्टिवल है जो त्यौहार है बहुत ही ज्यादा अच्छा लगता है ।
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Información
Autor | Amit Kumar Gupta |
Organización | Amit Kumar Gupta |
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