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साहिर- अमृता: एक अधूरी प्रेम कथा | दुखांत क्या होता है? | "Jane woh kaise log the"

20 de abr. de 2024 · 7m 16s
साहिर- अमृता: एक अधूरी प्रेम कथा | दुखांत क्या होता है? | "Jane woh kaise log the"
Descripción

प्रेम करना और करते रहना एक चुनाव है जो मात्र एक संयोग भर नहीं है। और अगर बात किसी एक से ही प्रेम करे जाने की हो, तो यह और...

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प्रेम करना और करते रहना एक चुनाव है जो मात्र एक संयोग भर नहीं है। और अगर बात किसी एक से ही प्रेम करे जाने की हो, तो यह और भी भयावह है - नहीं प्रेम नहीं, बल्कि प्रियतम के इंतेजार में बैठी आँखें। वो आँखें कोई पर्वत लील लेना चाहती हैं या कोई नदी सुखा देना, वे चाहती हैं की कोई उनके प्रयास को स्वीकृति भर दे दे। स्वीकृति प्रेम की नहीं- स्वीकृति इंतेजार की। 
ऐसे ही इंतेजार की कहानी है अमृता और साहिर की। साहिर मेरे महबूब शायरों में से एक हैं, और गीतकार तो ऐसे की मानो दिल उड़ेल देने को जी चाहे। पर साहिर सिर्फ मेरे नहीं, आपके भी हैं - फिर चाहे वो "जाने वो कैसे लोग थे" या "मैं पल दो पल का शायर";"कभी कभी मेरे दिल में खयाल आता है"  या फिर "मैं जिंदगी का साथ निभाता चला गया"। साहिर हमेशा अपनी लेखनी से आश्चर्यचकित करते रहे हैं- मोहब्बत की निशानी कहे जाने वाले ताज महल को गरीबों की मोहब्बत का मजाक उड़ाने का दोषी करार देना सिर्फ साहिर ही कर सकते थे। 
साहिर और अमृता की प्रेम कहानी भले ही कभी परवान न चढ़ सकी पर एक अमर गाथा बनकर रह गई। 
मुझे अमृता के लिखे से ज्यादा प्रेम उनके जीये जाने से था- साहिर की जलायी जा चुकी सिगरेट के टुकरों को अपने हाथ में ले सुलगाना जैसे मानो साहिर का हाथ थामे हो। 
अमृता प्रीतम की जीवनी "रसीदी टिकट" एक अत्यंत मूल्यवान पुस्तक है, एक बेबाक स्त्री जो कविताओं और कहानियों में क्रांति की लौ भरती है, उसे पढ़ा जाना किसी ज्वाला को टटोलना है। उनकी रसीदी टिकट का ही एक यह पाठ मेरी आवाज में आपके सामने प्रस्तुत है, आशा है आपको पसंद आएगा।

~ मयंक 
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Loving and continuing to love is a choice that is not merely a coincidence. And if it's about loving only one person, then it's even more frightening - not the absence of love, but the eyes waiting for the beloved. Those eyes want to take on a mountain or dry up a river; they want someone to fill their efforts with approval. It's not approval of love but approval of waiting.
Such is the story of Amrita and Sahir. Sahir is one of my beloved poets, and his lyrics have the power to stir hearts. But Sahir belongs not just to me but to you too - whether it's 'Jaane Woh Kaise Log The' or 'Main Pal Do Pal Ka Shayar Hoon' or 'Kabhi Kabhi Mere Dil Mein' or 'Main Zindagi Ka Saath Nibhata Chala Gaya.' Sahir always amazed with his writing - only Sahir could declare the Taj Mahal, a symbol of love, guilty of mocking the love of the poor.
The love story of Sahir and Amrita may not have reached great heights, but it became an immortal story.
I found more love in knowing Amrita than in her writings - when she used to hold Sahir's extinguished cigarette in her hand, as if she was holding Sahir's hand.
Amrita Pritam's biography 'Raseedi Ticket' is a priceless book, an honest woman who ignites revolutions in poems and stories; reading her is like exploring a flame. Here is an excerpt from her Raseedi Ticket in my voice, presented before you; I hope you'll like it.


~ Mayank
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