तहजीब हाफी की अमर ग़ज़लें और नज़्में | Tehzeeb Hafi: Ghazal | Nazm | Poetry

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तहजीब हाफी की अमर ग़ज़लें और नज़्में | Tehzeeb Hafi: Ghazal | Nazm | Poetry
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Descripción
जैसे "सफ़ेद शर्ट थी तुम सीढ़ियों पे बैठे थे, और मैं क्लास से निकली मुस्कुराहटे हुए" उस लम्हे में जैसे वक़्त थम गया था, और हर इशारे में तुम्हारा साथ महसूस होता था। और फिर वो चुप रहना, वो गुस्सा भरा लहज़ा, वो आवाज़ें, सब कुछ याद आता है। मोहब्बत में लड़ना, और फिर उस लड़ाई में खो देना, ये भी एक अनोखा एहसास है। हर उस शख़्स का चुप रहना, जो ज़िंदगी में आए और दिल को छू गए, याद आता है।
"तू किसी और ही दुनिया में मिली थी मुझ से" जिंदगी में जो कुछ भी मिला, या खो दिया, ये नज़्म हमें याद दिलाता है कि हर रिश्ता, हर एहसास, कुछ ख़ास होता है। हर लफ़्ज़, हर शेर, एक अनमोल कहानी है जो ज़िंदगी को और भी रंगीन बनाती है।
आशा है आपको यह पाठ पसंद आएगा।
Información
Autor | Mayank Gangwar |
Organización | Mayank Gangwar |
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